About Regional Center Ayodhya

क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या

विश्वविद्यालय के 11वें क्षेत्रीय केन्द्र के रूप में अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, अम्बेडकर नगर, सुल्तानपुर एवं अमेठी जनपद को मिला कर वर्ष 2018 में क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या की स्थापना की गयी। सरयू तट के किनारे स्थित अयोध्या में बी.एन.एस.गर्ल्स डिग्री कालेज, जनौरा बाईपास, के कैम्पस में क्षेत्रीय केन्द्र संचालित है। विश्वविद्यालय द्वारा निर्देशित समस्त कार्य क्षेत्रीय केन्द्र पर सम्पन्न हो रहे है। क्षेत्रीय केन्द्र अपने अन्तर्गत आने वाले अध्ययन केन्द्रों से सम्पर्क स्थापित कर शैक्षिक कलेण्डर में निर्धारित तिथियों के अनुरूप समुचित कार्यव्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करता है। क्षेत्रीय केन्द्र अध्ययन केन्द्र के रूप में भी कार्य करता है। क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या के अन्तर्गत आने वाले जनपदों का विवरण निम्नवत् है-

अयोध्या :

      पौराणिक नगरी अयोध्या जहाँ मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम ने जन्म लिया था, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध, ऐतिहासिक विरासत को समेटे हुए, ऋषियों-मुनियों की तपस्थली के रूप में भारतीय जनमानस के अंतर्मन में बसी सरयू तट के किनारे स्थित श्रीराम जन्म भूमि मंदिर के निमार्ण से दिव्यता और भव्यता के रूप में सज-सवंर रही है। ऐसी दिव्य नगरी में उ0प्र0राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय का क्षेत्रीय केन्द्र स्थापित है, जिसकी सीमा इसके अन्तर्गत आने गोण्डा, बस्ती, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर एवं अमेठी जनपद से लगती है। अयोध्या जनपद में 26 अध्ययन केन्द्र के माध्यम से विश्वविद्यालय के कोर्स संचालित है। 

गोण्डा : 

  अयोध्या के उत्तर दिशा में घाघरा, सरयू एवं कुवानों एवं टेढ़ी नदियों की उपजाऊ ऊपरी सरयूपार भूमि पर गोण्डा जनपद विस्तृत है। यह जनपद धार्मिक स्थल बारही देवी, दुःखरन नाथ आदि एवं ऐतिहासिक गौरव को संजोये हुए है। गोण्डा में स्वामी नारायण भगवान की जन्म स्थली स्वामी नारायण छपिया मंदिर अवस्थित है। जनपद के 13 महाविद्यालयों में विश्वविद्यालय का अध्ययन केन्द्र संचालित है।

बस्ती :

  प्राचीन काल में भगवान राम के गुरू वशिष्ठ ऋषि के नाम पर इसे वाशिष्ठी के नाम से जाना जाता था, परन्तु 16वीं सदी में राजा कल्हण द्वारा इसका बस्ती नाम रखा गया। मनोरमा नदी के तट पर स्थित मखौड़ाधाम में राजा दशरथ ने पुत्रैष्टि यज्ञ कराया था। ऐतिहासिक दृष्टि से बस्ती का अतीत अत्यंत गौरवशाली रहा। इस जनपद के 14 महाविद्यालयों में विश्वविद्यालय का अध्ययन केन्द्र संचालित है। 

अम्बेडकर नगर :

    सरयू, तमसा और बिसुही नदी से अभिसिंचित भूखण्ड पर वर्ष 1995 में अम्बेडकर नगर जनपद की स्थापना हुई। पराशर ऋषि की तपस्थली, श्रृंगी ऋषि आश्रम, शिवबाबा धाम, गोविन्द साहब और किछौछा शरीफ प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया और माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली विश्व की पहली दिव्यांग अरूणिमा सिन्हा का जन्म भी अम्बेडकर नगर में हुआ है। विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या के अन्तर्गत सर्वाधिक 46 अध्ययन केन्द्र इस जनपद के महाविद्यालयों में संचालित है।

सुल्तानपुर : 

    सुल्तानपुर जनपद ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक दृष्टि से समृद्ध क्षेत्र है। महर्षि बाल्मीकि, दुर्वासा आदि ऋषियों की तपोस्थली रही है। प्रचीन काल में इसका नाम कुशभवनपुर था जो कालांतर में बदलते हुए सुल्तानपुर हो गया। बिजेथुआ महाबीरन, लोहरामऊ मंदिर, सीताकुंड दर्शनीय स्थल है। जनपद के 18 महाविद्यालयों में विश्वविद्यालय के अध्ययन केन्द्र संचालित है।

अमेठी :   

     उत्तर प्रदेश के 72 जिले के रूप में वर्ष 2010 में अमेठी जिले की स्थापना हुई। अमेठी रियासत का इतिहास एक हजार वर्ष पुराना है। अमेठी गाँधी परिवार के कर्मभूमि के रूप में विख्यात है। यहां के 8 महाविद्यालयों में विश्वविद्यालय का अध्ययन केन्द्र संचालित है।



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